अडवांटाजेस ऑफ़ नीम(लाभकारी फायदे नीम के )
नीम के वृक्ष को वैध या हकीम भी कह सकते हैं क्योकि नीम के पौधे की पत्तिया से लेकर जड़ तक औषदीय गुण हैं। हज़ारो रोगो की दवा हैं नीम।
1. खाँसी :
10 बूँद नीम का तेल ,पान के पत्ते पर लगाकर खाएं। दमा और खांसी में काफी फायदेमंद हैं। इससे पुरानी से पुरानी खांसी का इलाज हो जाता हैं।
2 चर्मरोग :
चर्मरोग की दवा नीम हैं। कई औषदि बनाने वाली कम्पनिया भी नीम का प्रयोग किसी न किसी रूप मे करती है। नीम के पत्ते पानी में मिलाकर उबाले और उस पानी से स्नान करे। आप चर्मरोग से मुक्त हो जायेगे।
3 कील मुहसो में लाभकारी नीम :
नीम की थोड़ी सी पत्तिया जलाकर लगाएं उसकी राख को वैसलीन में मिलाकर चेहरे पर लगाए। कील मुहासे नष्ट हो जायेगे।
4 . पायरिया :
पायरिया रोग में नीम का तेल अत्यंत उपयोगी है। नीम के तेल की मालिश मसूड़ों पर करने से पायरिया रोग समाप्त हो जाता है।
5 प्रदर रोग :
गाय के दूध में नीम का तेल मिलाकर पीने से प्रदर रोग की शिकायत हमेशा के लिए समाप्त हो जाती है।
6 कण्ठ माला :
नीम का तेल कंठमाला पर लगाने से अत्यधिक फायदा होता है। यह कंठमाला की बहुत अच्छी दबा है।
7. पेट में कीड़े :
यदि\पेट में कीड़े पड़ गए हो तो घबराए नहीं ,एक चमच नीम का तेल एक दिन के अंतराल पर पिलाये। कीड़े मरकर मल के रास्ते बाहर आ जायेगे।
8. सिर में जूँ पड़ने पर :
यदि बालो में जुए पड़ गयी हो तो नीम का तेल ,स्नान करने से 15 मिनट पहले लगा ले। फिर उसके बाद स्नान करे।
9 . पेट में दर्द :
पेट में दर्द होने पर 10 ग्राम नीम के बीज ,10 ग्राम तुलसी की पतिया ,10 ग्राम सोंठ ,और 10 दाने काली मिर्च मिलाकर पइसस ले और रोगी को चटाये। पेट दर्द जाता रहेगा।क्या हैं धारा 370 : स्वतंत्रता के बाद छोटी -छोटी रियासतो को भारतीय संघ में शामिल किया गया था। जम्मू -कश्मीर को भारत के संघ में शामिल करने की प्रकिया शुरू करने से पहले ही पाकिस्तान समर्थित कबिलाईओ ने जम्मू-कश्मीर पर हमला क्र दिया उस समय राजा हरी सिंह कश्मीर के राजा थे उन्होंने कश्मीर के भारत में विलय का प्रस्ताव रखा।
तब इतना समय नहीं था कि कश्मीर का भारत में विलय करने की सवेधानिक प्रकिया पूरी की जा सके। हालात को देखते हुए गोपालस्वामी अयंगर ने संघीय सविधान सभा में धारा 306 ए ,जो बाद में धरा 370 बनी। इस तरह जम्मू -कश्मीर को भारत के अन्य राज्यों से अलग अधिकार मिले।
क्या हैं अधिकार :
1. भारत के अन्य राज्यों के लोग जम्मू -कश्मीर में जमीन नहीं खरीद सकते है।
2. वित्तीय आपातकाल लगाने वाली धारा 360 भी जम्मू -कश्मीर पर लागू नहीं होती।
३. जम्मू -कश्मीर का अलग झंडा है।
4. भारत की संसद जम्मू -कश्मीर मे रक्षा ,विदेश मामले और संचार के अलाबा कोई अन्य कानून नहीं बना सकती है।
5. धारा 356 लागू नहीं नहीं,राष्ट्रपति के पास राज्य के संविधान को बर्खास्त करने का अधिकार नहीं है।
6. कश्मीर की लड़की किसी बाहरी से शादी करती है तो उसकी कश्मीर की नागरिकता छीन जाती है।
7. जम्मू -कश्मीर में राष्ट्रपति शासन नहीं लग सकता है..
1. दस्त :
पतली दस्त होने पर थोड़ी सी हींग लेकर अंगारो पर भून ले और पानी के साथ निगल जाए। इससे दस्त से काफी आराम मिलेगा।
2. पेट मै गैस बनना :
यदि पेट में गैस बन रही हो तो नाभि के आस -पास और पेट और हींग पर मरोड़ युक्त गैस से एआरएम मिलता है।
3. मिर्गी आने पर :
मिर्गी के मरीजों को हींग,सेंधा का नमक था घी को 10 ग्राम की मात्रा लेकर 100 मिलि गाय के दूध में उबालिये। जब घी बचे तो यह मिरगी के रोगी को खिलाये रोग डोर हो जाएगा।
4. गिल्टी ुभने पर :
एक दाना मुनक्के में ठदोई सी भूनी हुई हींग मिलाकर गर्म पानी से पी ले। रामबाण ओषदि है। तुरंत आराम होगा। अछि तरकीब है इत्सेमाल जर्रूर करे।
5. कब्ज :
5 ग्राम हींग ,5 ग्राम सोंठ और 5 ग्राम मुलहठी पिस्कॉ मिश्रण तैयार करे और थोड़ी सी षड मिलाकर चने के दाने के बराबर गोलियससँ बंससकर रख ले। भोजन के पश्चात एक गोली खांए।
6. कंठमाला :
हींग और अफीम बराबर मात्रा अमीन लेकर टिल के तेल में पइसस ले। और मरहम की तरह कंठमाला पर लगाएं। कंठमाला पककर फूट जाएगा।
7. दांत का दर्द :
हींग को पानी में उबालकर कुल करने से दांत का ड़ड़ड़ड़ ठीक हो जाता है। क्या हैं धारा 370 : स्वतंत्रता के बाद छोटी -छोटी रियासतो को भारतीय संघ में शामिल किया गया था। जम्मू -कश्मीर को भारत के संघ में शामिल करने की प्रकिया शुरू करने से पहले ही पाकिस्तान समर्थित कबिलाईओ ने जम्मू-कश्मीर पर हमला क्र दिया उस समय राजा हरी सिंह कश्मीर के राजा थे उन्होंने कश्मीर के भारत में विलय का प्रस्ताव रखा।
तब इतना समय नहीं था कि कश्मीर का भारत में विलय करने की सवेधानिक प्रकिया पूरी की जा सके। हालात को देखते हुए गोपालस्वामी अयंगर ने संघीय सविधान सभा में धारा 306 ए ,जो बाद में धरा 370 बनी। इस तरह जम्मू -कश्मीर को भारत के अन्य राज्यों से अलग अधिकार मिले।
क्या हैं अधिकार :क्या हैं धारा 370 : स्वतंत्रता के बाद छोटी -छोटी रियासतो को भारतीय संघ में शामिल किया गया था। जम्मू -कश्मीर को भारत के संघ में शामिल करने की प्रकिया शुरू करने से पहले ही पाकिस्तान समर्थित कबिलाईओ ने जम्मू-कश्मीर पर हमला क्र दिया उस समय राजा हरी सिंह कश्मीर के राजा थे उन्होंने कश्मीर के भारत में विलय का प्रस्ताव रखा।
तब इतना समय नहीं था कि कश्मीर का भारत में विलय करने की सवेधानिक प्रकिया पूरी की जा सके। हालात को देखते हुए गोपालस्वामी अयंगर ने संघीय सविधान सभा में धारा 306 ए ,जो बाद में धरा 370 बनी। इस तरह जम्मू -कश्मीर को भारत के अन्य राज्यों से अलग अधिकार मिले।
क्या हैं अधिकार :
1. भारत के अन्य राज्यों के लोग जम्मू -कश्मीर में जमीन नहीं खरीद सकते है।
2. वित्तीय आपातकाल लगाने वाली धारा 360 भी जम्मू -कश्मीर पर लागू नहीं होती।
३. जम्मू -कश्मीर का अलग झंडा है।
4. भारत की संसद जम्मू -कश्मीर मे रक्षा ,विदेश मामले और संचार के अलाबा कोई अन्य कानून नहीं बना सकती है।
5. धारा 356 लागू नहीं नहीं,राष्ट्रपति के पास राज्य के संविधान को बर्खास्त करने का अधिकार नहीं है।
6. कश्मीर की लड़की किसी बाहरी से शादी करती है तो उसकी कश्मीर की नागरिकता छीन जाती है।
7. जम्मू -कश्मीर में राष्ट्रपति शासन नहीं लग सकता है..
1. भारत के अन्य राज्यों के लोग जम्मू -कश्मीर में जमीन नहीं खरीद सकते है।
2. वित्तीय आपातकाल लगाने वाली धारा 360 भी जम्मू -कश्मीर पर लागू नहीं होती।
३. जम्मू -कश्मीर का अलग झंडा है।
4. भारत की संसद जम्मू -कश्मीर मे रक्षा ,विदेश मामले और संचार के अलाबा कोई अन्य कानून नहीं बना सकती है।
5. धारा 356 लागू नहीं नहीं,राष्ट्रपति के पास राज्य के संविधान को बर्खास्त करने का अधिकार नहीं है।
6. कश्मीर की लड़की किसी बाहरी से शादी करती है तो उसकी कश्मीर की नागरिकता छीन जाती है।
7. जम्मू -कश्मीर में राष्ट्रपति शासन नहीं लग सकता है..
दोस्तों आपको यह ब्लॉग कैसा लगा निचे कमेंटबॉक्स में कमेंट करके अपनी सलाह दे सकते है।
. दस्त :
पतली दस्त होने पर थोड़ी सी हींग लेकर अंगारो पर भून ले और पानी के साथ निगल जाए। इससे दस्त से काफी आराम मिलेगा।
2. पेट मै गैस बनना :
यदि पेट में गैस बन रही हो तो नाभि के आस -पास और पेट और हींग पर मरोड़ युक्त गैस से एआरएम मिलता है।
3. मिर्गी आने पर :
मिर्गी के मरीजों को हींग,सेंधा का नमक था घी को 10 ग्राम की मात्रा लेकर 100 मिलि गाय के दूध में उबालिये। जब घी बचे तो यह मिरगी के रोगी को खिलाये रोग डोर हो जाएगा।
4. गिल्टी ुभने पर :
एक दाना मुनक्के में ठदोई सी भूनी हुई हींग मिलाकर गर्म पानी से पी ले। रामबाण ओषदि है। तुरंत आराम होगा। अछि तरकीब है इत्सेमाल जर्रूर करे।
5. कब्ज :
5 ग्राम हींग ,5 ग्राम सोंठ और 5 ग्राम मुलहठी पिस्कॉ मिश्रण तैयार करे और थोड़ी सी षड मिलाकर चने के दाने के बराबर गोलियससँ बंससकर रख ले। भोजन के पश्चात एक गोली खांए।
6. कंठमाला :
हींग और अफीम बराबर मात्रा अमीन लेकर टिल के तेल में पइसस ले। और मरहम की तरह कंठमाला पर लगाएं। कंठमाला पककर फूट जाएगा।
7. दांत का दर्द :
हींग को पानी में उबालकर कुल करने से दांत का ड़ड़ड़ड़ ठीक हो जाता है।
धन्यवाद।
जैह हिन्द।
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