साहस और बलिदान भारतीया सेनिको का। मैं जानता हूं कि देश की सेना मुझसे ज्यादा समझदार लोगों से बनी है और उसे मेरी सलाह की जरूरत नहीं। फिर भी मेरा मन कर रहा है कि एक सलाह जो मेरे दिमाग में कई दिनों से कुलबुला रही है, उसे दे ही डालूं। मैं सेना के लोगों से कहना चाहता हूं कि साथियो, टीवी पर बैठे लोग कितना भी कहें, आपको कितना भी उकसाएं, लेकिन आप इनके उकसावे में लड़ाई मत छेड़ बैठना। मैं जानता हूं कि आप कोई बड़ा कदम सिर्फ इसलिए नहीं उठाएंगे कि टीवी के एंकर और उनके जांबाज मेहमान ऐसा कह रहे हैं, फिर भी मैं अपनी ओर से आगाह कर रहा हूं। पिछले कई दिनों से टीवी वालों को वीर रस का नशा चढ़ा हुआ है। उन्हें यह समझ में आ गया है कि देशभक्ति और वीर रस, अपराध और भूत-पिशाच से बहुत ज्यादा बिकता है, सो वे युद्ध छेड़ देने पर आमादा हैं। अगर कल इनके कहने से सचमुच युद्ध हो जाए और इन्हें देशभक्ति से ज्यादा टीआरपी वाला कोई मसाला मिल जाए, तो ये उसके पीछे चल देंगे और युद्ध झेलने के लिए सेना और आम जनता रह जाएगी। मैं नहीं कहता कि सेना इनका मानकर लड़ाई कर देगी, भले ही इनके साथ कड़कदार मूंछों वाले रिटायर्ड फौजी अफसर भी